नई दिल्ली. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में बुधवार को कैबिनेट की बैठक हुई. इस दौरान कई अहम फैसले किए गए. बैठक में आईटी से जुड़े हार्डवेयर बनाने के लिए पीएलआई (प्रोडक्शन लिंक्ड स्कीम) को मंजूरी दे दी है. इस स्कीम में करीब 17,000 करोड़ रुपए की फाइनेंशियल मदद दी जाएगी. आईटी हार्डवेयर में मेक इन इंडिया को बूस्ट देने के लिए यह बड़ा कदम साबित होगा. केंद्रीय मंत्री मनसुख मांडविया और अश्विनी वैष्णव ने बैठक के दौरान लिए गए फैसलों के बारे में जानकारी दी.
केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने बताया कि इलेक्ट्रॉनिक्स निर्माण के क्षेत्र में इस साल 100 बिलियन डॉलर का उत्पादन इस साल देश में हुआ है. इसके आलावा पिछले साल 11 बिलियन डॉलर के मोबाइल का रिकॉर्ड निर्यात किया गया.
फर्टिलाइजर सब्सिडी के लिए 1.08 लाख करोड़ की मंजूरी
केंद्रीय मंत्रिमंडल ने खरीफ फसल के लिए 1.08 लाख करोड़ रुपए की फर्टिलाइजर (उर्वरक) सब्सिडी को मंजूरी दी है. केंद्रीय मंत्री मनसुख मंडाविया ने बताया कि खरीफ फसलों के लिए सरकार ने तय किया है कि भारत सरकार खाद की कीमत नहीं बढ़ाएगी. भारत सरकार खरीफ सीजन की फसल के लिए सब्सिडी में 1 लाख 8 हजार करोड़ रुपए खर्च करेगी.
सरकार फर्टिलाइजर बनाने वालों या इंपोर्ट करने वालों को सब्सिडी का भुगतान करती है ताकि किसानों को बाजार दर से कम कीमत पर फर्टिलाइजर मिल सके. फर्टिलाइजर के उत्पादन या आयात की लागत और किसानों द्वारा चुकाई गई कीमत के बीच का अंतर सरकार द्वारा वहन किया जाता है. यह पैसा सरकार फर्टिलाइजर के उत्पादन या आयातक कंपनियों को देती है. इसे ही सब्सिडी कहा जाता है.
क्या है पीएलआई स्कीम?
इस योजना के अनुसार, केंद्र अतिरिक्त उत्पादन पर प्रोत्साहन देगा और कंपनियों को भारत में बने उत्पादों को निर्यात करने की अनुमति देगा. पीएलआई स्कीम का लक्ष्य प्रतिस्पर्धात्मक माहौल बनाने के लिए निवेशकों को प्रोत्साहित करना है.
Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-रोजगार मेले में पीएम मोदी ने सौंपे 71 हजार नियुक्ति पत्र, कहा- नौकरियों में भ्रष्टाचार खत्म हुआ
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