जबलपुर. मध्य प्रदेश में विद्युत कंपनियों का ज्वाइंट वेंचर एवं टीबीसीबी के जरिये निजीकरण की प्रक्रिया शुरू किये जाने का अभियन्ता संघ एवं विद्युत विभाग की उत्तरवर्ती कंपनियों के सभी अधिकारी एवं कर्मचारियों ने पुरजोर विरोध शुरू करते हुए गत 7 जून बुधवार को विद्युत मुख्यालय शक्ति भवन के समक्ष जबर्दस्त विरोध प्रदर्शन किया. इस मौके पर अभियंता संघ ने राज्य सरकार को चेतावनी दी है कि यदि निजीकरण पर रोक नहीं लगाई गई तो इसके दूरगामी गंभीर परिणाम होंगे. प्रदर्शन के बाद सीएम के नाम ज्ञापन भी सौंपा गया.
मध्य प्रदेश विद्युत मंडल अभियंता संघ के आह्वान पर म.प्र. की सभी विद्युत कंपनियों मे हो रहे निजीकरण प्रक्रिया जनरेशन कंपनी में ज्वाइंट वेंचर और ट्रांसमिशन कंपनी में टी. बी. सी. बी. पर रोक लगाने और मध्य प्रदेश के ऊर्जा विभाग की उत्तरवर्ती कंपनियों के पूर्ण स्वामित्व, आधिपत्य में अधोसंरचना स्थापित करने की मांग को लेकर शक्ति भवन के गेट के सामने सैकड़ों अधिकारी-कर्मचारी एकत्रित होकर मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपा. निजीकरण की कार्यवाही के विरोध में प्रदेश के सभी ताप विद्युत गृह सहित जबलपुर मुख्यालय मे प्रदर्शन करते हुए मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपा.
इस अवसर पर विभिन्न वक्ताओं द्वारा प्रदेश सरकार द्वारा किये जा रहे निजीकरण को रोकने हेतु मांग की गई एवं जल्दबाजी में ज्वाइंट वेंचर व टी. बी सी बी के माध्यम से निजी कंपनी को न सौंपा जाए. पावर सेक्टरों के संघठनों के इस प्रदर्शन ज्ञापन की व्यापकता का अंदाज शक्ति भवन गेट पर उपस्थित हजारों की संख्या में आक्रोशित विद्युत कर्मियों की उपस्थिति से लगाया जा सकता है, इसमें भारी संख्या में महिला कर्मियों द्वारा बढ़ चढ़कर भागीदारी की गई. इस दौरान न केवल मुख्यालय, पावर हाउस, बल्कि शक्ति भवन जबलपुर एवं आसपास के क्षेत्रों सहित सभी विद्युत कंपनियों के समस्त कर्मी उपस्थित हुए .
अमरकंटक ताप विद्युत गृह की नवीन इकाई निजी हाथों में सौंपने नहीं देंगे : शुक्ला
मध्य प्रदेश विद्युत मंडल अभियंता संघ के महासचिव विकास कुमार शुक्ला ने अपने उद्बोधन में बताया कि मध्य प्रदेश शासन का उपक्रम मध्यप्रदेश पावर जनरेटिंग कंपनी लिमिटेड में अमरकंटक ताप विद्युत गृह हेतु नवीन इकाई की स्थापना मध्य-प्रदेश सरकार के पूर्ण स्वामित्व में न कराकर एमपीपीजीजीएल द्वारा एसईसीएल के साथ जॉइंट वेंचर हेतु एमओयू हस्ताक्षरित किया गया एवं यह निर्णय लिया गया है कि नवीन इकाई की स्थापना जॉइंट वेंचर कंपनी के माध्यम से किया जायेगा, जिसमें लगभग दोनों ही कंपनियों को 15-15 प्रतिशत इक्विटी लगानी होगी. जबकि ज्ञात हो कि मध्य-प्रदेश शासन द्वारा गठित कमिटी ने दो इकाइयों (660MW X 2) को एमपीपीजीजीएल के पूर्ण स्वामित्व में स्थापना की अनुसंशा की थी. साथ ही यहां यह भी उल्लेख करना अनिवार्य होगा की इलेक्ट्रिसिटी एक्ट 2003 में दिए गए प्रावधानों के अनुसार कर्मियों की सेवा शर्तों का ध्यान रखा जाना अनिवार्य है, किन्तु संघ के संज्ञान में आया है कि कथित रूश में कार्मिकों की सेवा शर्तों एवं करियर प्लानिंग का भी कोई जिक्र नहीं किया गया है. अमरकंटक नवीन परियोजना हेतु पीपीए (विद्युत क्रय अनुबंध) अनुमति राज्य नियंत्रित, स्वामित्व वाली कंपनी होने एवं मौजूदा परियोजनाओं के विस्तार के कारण ही प्राप्त हुई है, जिसे एक प्राइवेट कंपनी के नाम पर स्थानांतरित कदापि नहीं किया जा सकता है .यदि ऐसा किया गया तो उस परिस्थिति में जॉइंट वेंचर कंपनी द्वारा विद्युत क्रय अनुबंध म.प्र.पॉ.मै.कं.लि.के साथ टीटबीसीबी (अर्थात प्रतिस्पर्धात्मकता) के माध्यम से प्राप्त करना होगा, अन्यथा की स्थिति में यह विद्युत मंत्रालय; भारत सरकार के उल्लेखित नियम का खुला उल्लंघन होगा.
विकास शुक्ला ने कहा है कि मध्य प्रदेश पावर ट्रांसमिशन कंपनी लिमिटेड मे लगातार सब-स्टेशन और ट्रांसमिशन लाइनों को टी. बी. सी. बी. के माध्यमों से निजी हाथों मे दिया जा रहा है. जिससे ट्रांसमिशन कंपनी की अधोसंरचना में लगातार गिरावट हो रही है.
प्रदर्शन, ज्ञापन सौंपते समय यह रहे मौजूद
मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन प्रबंध संचालक जनरेटिंग और ट्रांसमिशन कंपनी के माध्यम से मुख्य अभियंता (मा सं एवं प्रशा) ट्रांसमिशन एवं श्री मुख्य अभियन्ता (मा सं एवं प्रशा जनरेटिंग) को ज्ञापन सौंपा, ज्ञापन में हितेश तिवारी अध्यक्ष अभियंता संघ, सुरेश त्रिवेदी, अनीश सिंघाई, उदित अग्रवाल, सोनू पांडेय, नेहा सिंह, नरेंद्र चन्देल, विकास श्रीवास्तव, प्रशांत सिंह भदौरिया, अंबिकेश शुक्ला, इक़बाल खान, जितेंद्र तिवारी, गरिमा सिंह, अणिमा उपाध्याय, शिल्पा गुप्ता, मेघा पोद्दार, स्मिता दत्ता, स्वाति सिंह, श्रेया घोष, मनीष श्रीवास, नवीन भारती नरेंद्र पटेल, अभिषेक खटीक, कविंद्र अहिरवार, मोहनीश वाडीवा, बिंदु झा, ऋषि शाही, सौरभ शुक्ला, कुशल जैन, दीपक कुमार, अजय सिंह, पिंटू यादव, गौरव साहू, श्री अमित हलदर, अजीत सिंह चौहान, अर्पित चौबे, अरुण जोठे, सुधीर द्विवेदी, अनिरुद्ध मेश्राम, अशोक कुमार, हरप्रीत सिंह आदि सैकड़ों संख्या में अभियंता और कर्मचारी उपस्थित रहे.
Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-बोरवेल में गिरी मासूम सृष्टि हार गई जिंदगी की जंग, 52 घंटे बाद बाहर निकाला गया
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