नई दिल्ली. दिल्ली हाईकोर्ट ने आज यूपीएससी द्वारा सिविल सेवा मुख्य परीक्षा 2023 के लिए आवेदन आमंत्रित करने की कॉल पर रोक लगाने से इनकार कर दिया है. जस्टिस चंद्रधारी सिंह की एकलपीठ ने एक लंबित मामले में सिविल सेवक उम्मीदवारों द्वारा दायर एक आवेदन को खारिज कर दिया. जिसमें यूपीएससी द्वारा 10 जुलाई को जारी विस्तृत आवेदन पत्र-1 पर रोक लगाने का निर्देश देने की मांग की गई थी.
याचिकाकर्ताओं ने अपने आवेदन में कहा कि यूपीएससी ने मनमाने ढंग से मुख्य परीक्षा के लिए डीएएफ जारी किया. इसलिए प्रारंभिक परीक्षा की उत्तर कुंजी की मांग करने वाली अदालत के समक्ष उनकी मुख्य रिट याचिका निरर्थक हो जाती है. आवेदन में कहा गया है कि फॉर्म जारी करके यूपीएससी कानून व न्याय की प्रक्रिया को नष्ट करने,गोपनीय तरीके से अपनी मनमानी प्रथाओं को जारी रखने के लिए अनुचित जल्दबाजी दिखा रहा है. इसमें यह भी कहा गया है कि यूपीएससी ने अतीत में भी गैर-अनुपालन, समय बीतने या परिस्थितियों में बदलाव के कारण निष्फल होने के कारण मामलों को खारिज कर दिया था. उम्मीदवारों ने 12 जून के प्रेस नोट के खिलाफ एक रिट याचिका में आवेदन दिया था जिसमें कहा गया था कि प्रारंभिक परीक्षा की उत्तर कुंजी केवल सिविल सेवा परीक्षा 2023 की पूरी प्रक्रिया समाप्त होने के बाद अपलोड की जाएगी. मुख्य याचिका में निकाय को तत्काल प्रभाव से उत्तर कुंजी प्रकाशित करने का निर्देश देने की भी मांग की गई.
Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-सुको से दिल्ली के एलजी को लगा झटका, यमुना पर उच्च स्तरीय समिति के अध्यक्ष बनाने पर लगाई रोक
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