#Election2023 अगर राजस्थान और मध्यप्रदेश में बीजेपी हारी, तो.... पीएम नरेंद्र मोदी की मेहरबानी से हारेगी?

#Election2023 अगर राजस्थान और मध्यप्रदेश में बीजेपी हारी, तो.... पीएम नरेंद्र मोदी की मेहरबानी से हारेगी?

प्रेषित समय :20:48:33 PM / Wed, Nov 15th, 2023
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प्रदीप द्विवेदी. राजस्थान और मध्यप्रदेश में मतदान और मतगणना के दिन करीब आते जा रहे हैं, दोनों ही राज्यों में कांग्रेस-बीजेपी के बीच ही फैसला होता आया है और इस बार भी कांग्रेस-बीजेपी में से ही किसी एक की सरकार बनेगी!
इन दोनों राज्यों में यदि बीजेपी हारी, तो.... पीएम मोदी की मेहरबानी से हारेगी?
वजह साफ है कि.... दोनों ही राज्यों में जो सीएम फेस के सबसे दमदार नेता हैं, वे मोदी टीम को पसंद नहीं हैं?
मतलब.... जो नेता बीजेपी को जीत दिला सकते हैं, उन्हें व्यक्तिगत कारणों से किनारे करके, मोदी टीम ने बीजेपी की स्थिति कमजोर की है!
सबसे पहली बात तो यह कि- दोनों राज्यों के चुनाव में जो मुद्दे बीजेपी के खिलाफ जा रहे हैं, वह मोदी सरकार के कारण हैं, महंगाई, बेरोजगारी, भ्रष्टाचार जैसे असली मुद्दे बीजेपी को भारी पड़ रहे हैं?
यही नहीं, मूल भाजपाइयों की उपेक्षा और दलबदलुओं को महत्व देना बीजेपी कार्यकर्ताओं का सियासी दर्द बढ़ा रहा है!
उधर, मध्यप्रदेश में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने पूरी ताकत लगा दी थी और उसकी अच्छी प्रतिक्रिया भी मिल रही थी, लेकिन पहले तो ज्योतिरादित्य सिंधिया को आगे लाने की कोशिशें की गई और जब वह बेअसर रहे तो केंद्र के तीन मंत्रियों और कई सांसदों को चुनाव में उतार दिया गया?
जाहिर है, इससे बीजेपी को फायदा कम और नुकसान ज्यादा है, एक तो गुटबाजी बढ़ेगी और दूसरा- यदि केंद्रीय मंत्री और सांसद चुनाव हार गए, तो मोदी सरकार पर ही सवालिया निशान लग जाएगा?
इधर, राजस्थान में पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे बीजेपी से एकमात्र सशक्त सीएम फेस होने के बावजूद, उन्हें किनारे कर दिया गया, नतीजा.... न अंदर से बीजेपी एकजुट है और न ही उपर से नजर आ रही है?
वसुंधरा राजे और शिवराज सिंह चौहान के साथ ऐसा क्यों किया गया है?
दरअसल, पीएम नरेंद्र मोदी को अपने समय के और अपने सियासी कद के बराबरी नेता पसंद नहीं हैं, वसुंधरा राजे और शिवराज सिंह चौहान, दोनों ही लोकप्रिय मुख्यमंत्री रहे हैं, दोनों संभावित पीएम फेस भी हैं, लिहाजा.... उन्हें किनारे करना शायद सियासी जरूरत है?
खासकर.... शिवराज सिंह चौहान, क्योंकि- वे उम्र के लिहाज से 70 से कम हैं, जबकि वसुंधरा राजे 70 के करीब हैं!
सियासी सयानों का मानना है कि नरेंद्र मोदी प्रधानमंत्री बनने के बाद से ही 'बोनसाई पॉलिटिक्स' पर फोकस हैं, इसलिए यह देखना दिलचस्प होगा कि वे 2024 के चुनाव में इसके शिकार बीजेपी नेताओं का सहयोग और समर्थन कैसे हासिल करेंगे?
#Election2023 शिवराज सिंह चौहान की राह में सियासी कांटे काहे बिछाए जा रहे हैं?
https://www.palpalindia.com/2023/11/08/Madhya-Pradesh-Assembly-Elections-CM-Shivraj-Singh-Chauhan-BJP-Power-Union-Ministers-Nitin-Gadkari-Yogi-Adityanath-news-in-hindi.html

Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-

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