जबलपुर. मध्य प्रदेश की विद्युत वितरण कंपनी के अधिकारी इतने असंवेदनशील और अमानवीय हो चुके हैं कि कोरोना जैसी जानलेवा बीमारी से संक्रमित नियमित, संविदा और आउटसोर्स लाइन कर्मी अथवा कर्मी के परिजनों के संक्रमित होने पर अनुपस्थित रहने वाले लाइनमैनों को नोटिस जारी कर नौकरी से निकालने की धमकी दे रहे हैं.
जबकि ये बात आज सबको ज्ञात है कि स्वयं के अथवा परिजनों के कोरोना संक्रमित होने पर आइसोलेशन में रहना जरूरी है, ताकि संक्रमण का प्रसार न हो. ऐसे में अगर विद्युत अधिकारी विभाग के आइसोलेट या संक्रमित कर्मी पर नौकरी पर आने का दबाव बनाते हैं तो ऐसे अधिकारी कोरोना संक्रमण फैलाने के सबसे ज्यादा जिम्मेदार होंगे.
मध्य प्रदेश विद्युत मंडल तकनीकी कर्मचारी संघ के प्रांतीय महासचिव हरेंद्र श्रीवास्तव ने बताया कि पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी के लाइन कर्मियों द्वारा ये जानकारी दी जा रही है कि परिजन अथवा स्वयं के कोरोना संक्रमित होने पर वे ड्यूटी पर अनुपस्थित हो रहे हैं. जिसकी वजह से जमीनी अधिकारियों द्वारा नियमित, संविदा और आउटसोर्स कर्मियों की वेतन वृद्धि रोकने, निलंबित करने तथा नौकरी से निकालने की धमकी देने के साथ ही नोटिस जारी किए जा रहे हैं.
इसके अलावा मीटर रीडिंग ना हो पाने के कारण मीटर रीडर को परेशान किया जा रहा है. उनका कहना है कि उपभोक्ता को पिछले माह की रीडिंग के आधार पर नया बिजली बिल जारी कर दिया जाए. बाकी कोरोना संक्रमण की स्थिति संभलते ही उपभोक्ताओं की रीडिंग कराई जा सकती है.
हरेंद्र श्रीवास्तव ने बताया कि बाकी सभी नियमित, संविदा और आउटसोर्स कर्मी लगातार 24 घंटे उपभोक्ताओं की बंद बिजली को चालू करने, मेंटेनेंस करने, ब्रेकडाउन सेट डाउन को अटेंड करने आदि कार्यों में लगातार जुटे हुए हैं.
Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-अब एमपी में आम आदमी को भी निजी अस्पतालों में मिलेगा कोरोना का नि:शुल्क इलाज..!
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