भोपाल. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने स्थानीय और स्वदेशी उत्पाद खरीदकर दीपावली को भव्य बनाने का आह्वान किया. उनकी मंशा छोटे कारोबारियों, निर्माताओं और उत्पादकों को अधिक से अधिक लाभ पहुंचाने की है. इसी क्रम में प्रदेश के कई जिलों के कलेक्टरों ने मंगलवार को दीये बनाने और बेचने वाले शिल्पकारों से बाजार बैठकी नहीं लेने के आदेश जारी किए, ताकि उनकी मेहनत का लाभ सीधे उन तक ही पहुंचे और लोग भी अधिक से अधिक मिट्टी के दीये खरीदकर शिल्पकारों को समृद्धि प्रदान करें.
इस संदर्भ में भोपाल कलेक्टर अविनाश लवानिया ने आदेश जारी करते हुए जिला मुख्यालय से लेकर तहसील और गांव स्तर तक शिल्पकारों के उत्पादों जैसे दीयों आदि की बिक्री पर बाजार बैठकी नहीं लेने कहा है, साथ ही बाजार क्षेत्र में उन्हें अलग स्थान उपलब्ध करवाने के भी निर्देश दिए हैं. इस आदेश ने जिले में सभी जगहों पर मिट्टी का सामान विक्रय करने के लिए स्वागत द्वार खोल दिए गए हैं. कलेक्टर ने आदेश जारी कर आयुक्त नगर निगम, पुलिस अधीक्षक, सभी एसडीएम, तहसीलदार और सीएमओ नगर पालिका बैरसिया को निर्देशित किया है कि मिट्टी के दीये बेचने के लिए आने वाले ग्रामीणों को किसी भी प्रकार की असुविधा न हो, इसका पूरा ध्यान रखा जाए. प्रदेश में सबसे पहले दतिया व मुरैना कलेक्टर ने इस तरह का आदेश जारी किया था. यह आदेश इंटरनेट मीडिया पर वायरल होने के बाद भोपाल, गुना, रीवा, रतलाम, मंदसौर और बैतूल कलेक्टर ने भी इसी आशय के आदेश जारी कर दिए.
यह होगा फायदा
विगत कुछ सालों से दीपावली पर चीन में निर्मित दीये और अन्य सामाग्री से बाजार रोशन दिखाई देता था, लेकिन कोरोना संक्रमण के बाद इसमें भारी कमी आई है. चीन से कोई भी सामाग्री नहीं आने पर स्वदेशी सामग्री को प्रोत्साहित किया जा रहा है. इस तरह यह आदेश भी इस दिशा को धार देने के लिए जारी किया गया है, ताकि मिट्टी के दीये बाजार में बिना किसी परेशानी के शिल्पकार बेच पाएं. कई बार तो यह भी देखने में आता है कि तहबाजारी वाले मिट्टी के दीये बेचने वालों को परेशान करते थे. इन सभी समस्याओं का अब समाधान हो जाएगा.
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