रेलवे के निजीकरण के खिलाफ आंदोलन को बनाया जाएगा जन-आंदोलन, AIRF की तैयारी शुरू: शिवगोपाल मिश्रा

रेलवे के निजीकरण के खिलाफ आंदोलन को बनाया जाएगा जन-आंदोलन, AIRF की तैयारी शुरू: शिवगोपाल मिश्रा

प्रेषित समय :16:19:08 PM / Fri, Dec 17th, 2021

जबलपुर. आल इंडिया रेलवेमैंस फेडरेशन (एआईआरएफ) के जनरल सैक्रेट्री व जेसीएम स्टाफ साइड के सचिव कामरेड शिवगोपाल मिश्रा ने केेंद्र सरकार को चेतावनी देते हुए कहा है कि वे रेलवे के निजीकरण, निगमीकरण व मौद्रीकरण करने की अपनी नीति से बाज आये, नहीं तो रेल आंदोलन को जन आंदोलन बनाया जाएगा और यह आंदोलन किसान आंदोलन से अधिक व्यापक होगा. इस आंदोलन में समाज के सभी वर्गों की भागीदारी होगी, जिसके लिए देश भर के प्रत्येक स्टेशन क्षेत्र पर एक समिति बनाने का काम इन दिनों चल रहा है. श्री मिश्रा जबलपुर प्रवास पर पत्रकारों से चर्चा कर रहे थे. इस मौके पर एआईआरएफ के असिस्टेेंट जनरल सैक्रेट्री व वेस्ट सेंट्रल रेलवे एम्पलाइज यूनियन के महामंत्री मुकेश गालव, यूनियन के मंडल अध्यक्ष बीएन शुक्ला आदि उपस्थित रहे.

श्री मिश्रा ने कहा कि सरकार को सद्बुद्धि आये, ताकि वे रेलवे के निजीकरण, निगमीकरण व मौद्रीकरण की बातें जो लगातार करती आ रही है, उस पर विराम लगे. हालांकि रेलमंत्री अश्विनी वैष्णव ने उन्हें भरोसा दिया है कि सरकार ऐसा कोई कदम  नहीं उठायेगी, जिससे देश की जीवनरेखा रेलवे जो सबसे किफायती व सुविधाजनक परिवहन का साधन है, उससे आम लोगों को कोई परेशानी आये. श्री मिश्रा ने कहा कि रेलमंत्री के इस आश्वासन के बावजूद वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने एक बयान दिया है कि जिसमें 152000 करोड़ रुपए में रेलवे के 26फीसदी हिस्सेदारी को निजी हाथों में बेेचने की बात कही है, जिससे रेल कर्मचारियों के साथ-साथ आम लोगों में भी इस बात की चिंता है कि रेलवे को निजी हाथों में सौंपा जायेगा.

एनसीसीआरएस को किया जागृत, आमलोगों को जोडऩे का काम

एआईआरएफ महामंत्री शिवगोपाल मिश्रा ने कहा कि भारत सरकार की अभी तक की कार्यप्रणाली  व निजीकरण को बढ़ावा  देने की नीति के चलते फेडरेशन ने भी अपनी तैयारियां शुरू कर दी है. उसने एनसीसीआरएस को फिर सक्रिय कर दिया है, इस कौंसिल में रेलवे की तमाम फेडरेशन, संगठन शामिल हैं, जो सरकार से आरपार के संघर्ष की रूपरेखा बनायेंगे. वहीं फेडरेशन, अपने सहयोगी संगठनो, इकाइयों के माध्यम से रेलवे के निजीकरण, निगमीकरण व मौद्रीकरण से होने वाले खतरों के प्रति आम लोगों को जागृत करने का काम शुरू कर दिया गया है, और देश भर के स्टेशनों में एक कमेटी बनाई जा रही है, जिसमें रेलवे कर्मचारियों के अलावा आम लोगों की भागीदारी भी रहेगी, जिसमें वकील, डॉक्टर्स, व्यापारी, पत्रकार आदि शामिल हैं, इस कमेटी के माध्यम से निजीकरण के खिलाफ आंदोलन को जन-आंदोलन  बनाया जाएगा.

कोरोना में हजारों रेल कर्मचारी शहीद, फ्रंटलाइन वर्कर का दर्जा नहीं

श्री मिश्रा ने केेंद्र सरकार द्वारा रेल कर्मचारियों के साथ किये जा रहे भेदभाद पर कहा कि कोरोना महामारी के दौरान जब सभी क्षेत्र लॉकडाउन के चलते बंद रहे, तब सरकारी क्षेत्र ही देश सेवा में आगे आया, जिसमें रेलवे अग्रणी रहा. रेल कर्मचारियों ने अपनी जान की परवाह नहीं करते हुए मजदूर स्पेशल ट्रेन चलाई, देश में सप्लाई चेन सुनिश्चित करने के लिए मालगाडिय़ों को चलाया, इस दौरान लगभग 3 हजार रेल कर्मचारी कोरोना महामारी से शहीद हो गये और सवा लाख कर्मचारी बीमार हुए. किंतु दुर्भाग्य की बात है कि भारत सरकार रेल कर्मचारियों को  फ्रंट लाइन वर्कर नहीं मान रही है. इसका विरोध एआईआरएफ ने प्रधानमंत्री को ट्विट करके किया है.

एनपीएस हटाना प्रमुख मांग, कुछ मांगें मानी

श्री मिश्रा ने कहा कि न्यू पेंशन स्कीम को हटाकर गारंटेंड ओल्ड पेंशन स्कीम लागू करना एआईआरएफ के टॉप एजेंडे में शामिल है. उन्होंने कहा कि इस मांग को जेसीएम में प्रमुखता से उठाई गई, जिसके बाद एक कमेटी बनाई गई थी, कमेटी की रिपोर्ट के बाद सरकार ने एनपीएस में अपनी हिस्सेदारी बढ़ाकर 14 प्रतिशत कर दी, साथ ही रिटायर के समय एक मुश्त जो 40 फीसदी राशि देना थी, उसे बढ़ाकर 60 प्रतिशत कर दिया, साथ ही इसे इनकम टैक्स से मुक्त कर दिया है, लेकिन यह निर्णय पर्याप्त नहीं है, हमें गारंटेड पेंशन स्कीम ही चाहिए, जिसके लिए लगातार संघर्ष जारी है. इस मामले में रेलवे के अलावा बैंक, राज्य सरकार, कार्पोरेशन सहित तमाम सरकारी विभागों के कर्मचारी इस मुद्दे पर फरवरी में बजट सत्र के दौरान प्रदर्शन करने की योजना बना रहे हैं.

डबलूसीआरईयू की तारीफ, कहा- अग्रणी है यूनियन

एआईआरएफ  महामंत्री श्री मिश्रा ने डबलूसीआरईयू की तारीफ करते हुए कहा कि वे फेडरेशन द्वारा राष्ट्रीय स्तर पर लिये जाने वाले निर्णय के परिपालन मेें अग्रणी है. इसी क्रम में जबलपुर में ट्रेड यूनियन एजुकेटर ट्रेनिंग कार्यक्रम आयोजित किया गया है. इस कार्यक्रम में सिलेक्टेड कम4चारियो को फेडरेशन, यूनियन की कार्यप्रणाली, सरकार की रीति-नीति, लेबर ला में बदलाव की जानकारी देते हैं, यह जानकारी ये फील्ड में जाकर स्टाफ को उपलब्ध कराते हैं, जिससे कर्मचारी, पदाधिकारी हर समय नयी जानकारियों से अपडेट रहते हैं. पत्रकार वार्ता में यूनियन पदाधिकारी सुशांत नील शुक्ला, मनीष यादव, रोमेश मिश्रा आदि मौजूद रहे.

Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-

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