चारा घोटाले के 5वें केस में भी लालू यादव दोषी करार,सजा का ऐलान 21 फरवरी को

चारा घोटाले के 5वें केस में भी लालू यादव दोषी करार,सजा का ऐलान 21 फरवरी को

प्रेषित समय :12:52:25 PM / Tue, Feb 15th, 2022

रांची/पटना. 950 करोड़ रुपए के देश के बहुचर्चित चारा घोटाले के सबसे बड़े (डोरंडा ट्रेजरी से 139.35 करोड़ रुपए के गबन) केस में मंगलवार को फैसला आ गया. सीबीआई की विशेष अदालत ने आरजेडी  सुप्रीमो लालू यादव सहित 75 आरोपियों को दोषी करार दिया है. वहीं, 24 लोगों को बरी कर दिया गया है. सजा का ऐलान 21 फरवरी को होगा. आरजेडी सुप्रीमो को कोर्ट की ओर से दोषी करार देते ही पुलिस ने हिरासत में ले लिया. इसके बाद उनके वकील ने जेल न भेजकर रिम्स में भेजने के लिए आवेदन दिया है. इस पर कोर्ट दोपहर दो बजे के बाद सुनवाई करेगा.

जैसे ही आरजेडी सुप्रीमो के दोषी करार देने की सूचना बाहर आई पटना से लेकर रांची तक उनके समर्थकों में मायूसी छा गई. कोर्ट परिसर आरजेडी नेताओं से पटा है. पुलिस का पहरा सख्त कर दिया गया है. बताया जा रहा है मंगलवार को कोर्ट ने 3 साल से कम वालों को सजा सुनाया है. लालू सहित 10 लोगों की सजा अलग से सुनाई जाएगी. ऐसे में यह माना जा रहा है लालू को 3 साल से अधिक की सजा हो सकती है. हाईकोर्ट के सीनियर वकील राजनीति प्रसाद ने बताया, लालू यादव के क्वेश्चन ऑफ सेंटेंस पर 21 फरवरी को फैसला होगा. मेडिकल टर्म पर उन्हें रिम्स शिफ्ट करने की बात हो रही है.

बता दें, इससे पहले चारा घोटाले के 4 मामले (देवघर के एक, दुमका ट्रेजरी के दो अलग-अलग और चाईबासा ट्रेजरी से संबंधित दो मामलों में) लालू दोषी करार दिए जा चुके हैं. अभी पहले के सभी मामलों में जमानत पर बाहर थे, लेकिन मंगलवार को कोर्ट के आए फैसले से उन्हें एक बार फिर जेल जाना होगा.

29 जनवरी को सीबीआई के विशेष न्यायाधीश एसके शशि की अदालत ने बहस पूरी होने के बाद 15 फरवरी को फैसले की तारीख निर्धारित की थी. सभी आरोपियों को कोर्ट में स्वयं हाजिर होने का आदेश दिया था. सुनवाई में उपस्थित रहने के लिए लालू 2 दिन पहले 13 फरवरी को ही रांची पहुंच गए थे.

डोरंडा ट्रेजरी घोटाला आखिर है क्या?

डोरंडा ट्रेजरी से 139.35 करोड़ रुपए की अवैध निकासी के इस मामले में पशुओं को फर्जी रूप से स्कूटर पर ढोने की कहानी है. यह उस वक्त का देश का पहला मामला माना गया जब बाइक और स्कूटर पर पशुओं को ढोया गया हो. यह पूरा मामला 1990-92 के बीच का है. सीबीआई ने जांच में पाया कि अफसरों और नेताओं ने मिलकर फर्जीवाड़े का अनोखा फॉमूर्ला तैयार किया. 400 सांड़ को हरियाणा और दिल्ली से कथित तौर पर स्कूटर और मोटरसाइकिल पर रांची तक ढोया गया, ताकि बिहार में अच्छी नस्ल की गाय और भैंसें पैदा की जा सकें. पशुपालन विभाग ने 1990-92 के दौरान 2,35, 250 रुपए में 50 सांड़, 14, 04,825 रुपए में 163 सांड़ और 65 बछिया खरीदीं. इतना ही नहीं, विभाग ने इस दौरान क्रॉस ब्रीड बछिया और भैंस की खरीद पर 84,93,900 रुपए का भुगतान मुर्रा लाइव स्टॉक दिल्ली के दिवंगत प्रोपराइटर विजय मलिक को की थी. इसके अलावा भेड़ और बकरी की खरीद पर भी 27,48,000 रुपए खर्च किए थे.

Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-

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