सूरत. राष्ट्रीय बाल सुरक्षा कार्यक्रम के अंतर्गत आठ माह में राज्य के 88 लाख 49 हजार 809 बच्चों के स्वास्थ्य की जांच की गई. सूरत में 4.53 लाख और जिले में 2.87 लाख बच्चों का निरीक्षण किया गया. बनासकांठा जिले में सबसे अधिक 6.47 लाख बच्चों के स्वास्थ्य की जांच की गई.
जांच के दौरान 13 बच्चों की किडनी, 10 बच्चों का बोन मैरो और 1 बच्चे का लिवर ट्रांसप्लांट भी किया गया. कहां-कितने बच्चों की जांच- राष्ट्रीय बाल सुरक्षा कार्यक्रम के अंतर्गत राज्यभर में नवजात से लेकर 18 साल के युवाओं के स्वास्थ्य की जांच के लिए अप्रैल 2022 से जनवरी 2023 तक अभियान चलाया गया. जिसमें सूरत शहर के 4.53 लाख, सूरत जिले के 2.87 लाख, खेड़ा जिले के 4.64 लाख, कच्छ जिले के 4.44 लाख, अहमदाबाद के 3.92 लाख, मेहसाणा के 3.90 लाख, आणंद के 3.87 लाख और राजकोट के 3.27 लाख बच्चों की जांच की गई. बनासकांठा जिले में सबसे अधिक 6,47,502 बच्चों की जांच हुई.
88.49 लाख में से 3,195 बच्चे गंभीर बीमारी से पीडि़त
राज्यभर में कुल 88.49 लाख बच्चों की जांच में पाया गया कि 3,195 बच्चे किडनी, दिल और कैंसर जैसी गंभीर बीमारियों से पीडि़त हैं. इनका इलाज करवाया गया, जिसमें 2,110 को दिल, 724 को किडनी और 337 बच्चों को कैंसर का उपचार दिया गया. इस योजना के तहत 13 बच्चों की किडनी ट्रांसप्लांट, 10 बच्चों का बोन मैरो ट्रांसप्लांट और 1 बच्चे का लिवर ट्रांसप्लांट भी किया गया है.
Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-कमल हासन करीब आए, तो दक्षिण भारत में कांग्रेस की सियासी सूरत और सीरत बदल जाएगी?
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