पंजाब कैबिनेट की मीटिंग में बड़ा निर्णय: किसानों को 15 हजार प्रति एकड़ मुआवजा, मकानों पर 1.20 लाख रुपए मिलेंगे

पंजाब कैबिनेट की मीटिंग में बड़ा निर्णय: किसानों को 15 हजार प्रति एकड़ मुआवजा, मकानों पर 1.20 लाख रुपए मिलेंगे

प्रेषित समय :17:08:48 PM / Fri, Mar 31st, 2023

चंडीगढ़. पंजाब सीएम भगवंत मान की अध्यक्षता में शुक्रवार को कैबिनेट मीटिंग हुई. इसके बाद कृषि मंत्री कुलदीप सिंह धालीवाल और कैबिनेट मंत्री अमन अरोड़ा ने फैसलों बारे जानकारी दी. मंत्री धालीवाल ने कहा कि किसानों को प्रति एकड़ 15 हजार रुपए मुआवजा देने पर कैबिनेट की मोहर लगी है.

उन्होंने कहा कि जिन किसानों की फसल का 33 प्रतिशत से 75 प्रतिशत नुकसान हुआ है, उन्हें 6800 रुपए मुआवजा राशि दी जाएगी. पटवारी द्वारा गांव की संयुक्त जगह पर गिरदावरी की जाएगी. इसमें पहले और वर्तमान नुकसान को भी शामिल किया जाएगा. मंत्री धालीवाल ने कहा कि जिन मकानों को तेज बारिश के कारण मामूली नुकसान हुआ है, उन्हें 5200 रुपए रिपेयर के लिए दिए जाएंगे. आर्थिक रूप से कमजोर जिन लोगों का पूरा मकान ढह गया है, सरकार उन्हें 1.20 लाख रुपए की मदद देगी.

फसली विभिन्नता पर जोर

मंत्री धालीवाल ने कहा कि गेहूं की फसल में तबदीली लाने के लिए सरकार ने बासमती की फसल को तरजीह देने का फैसला लिया है. बासमती की अधिक से अधिक पैदावार बढ़ाने का प्रयास किया जाएगा. साथ हर नरमे के लिए भी रकबा बढ़ाया जाएगा. साथ ही किसानों को क्क्र द्वारा मान्यता प्राप्त नरमे के बीज पर 33 प्रतिशत सब्सिडी दी जाएगी.

नकली दवाइयां बनाने वालों की खैर नहीं

मंत्री धालीवाल ने सबसे अहम फैसले की जानकारी देते हुए कहा कि आज पंजाब में जो कोई भी नकली दवाइयां बनाएगा, उसके खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई कर जेल में डाला जाएगा. किसी व्यक्ति या कंपनी द्वारा यदि नकली दवाई बनाई गई तो कंपनी की पंजाब में एंट्री बंद कर उसे सील किया जाएगा.

को-ऑपरेटिव बैंकों की किस्त से छूट

पंजाब के को-ऑपरेटिव बैंकों के लोन ही छमाही किस्त की छूट दी गई है. अगली फसल ठीक होने के दौरान किस्त ली जाएगी. मंत्री धालीवाल ने बताया कि मुआवजा राशि केवल गेहूं पर नहीं, बल्कि हर फसल की गिरदावरी के अनुसार आर्थिक मदद की जाएगी.

भूजल स्तर बचाने को नहरी पानी की उपलब्धता

कैबिनेट मंत्री अमन अरोड़ ने कहा कि कृषि पानी के बिना संभव नहीं है, लेकिन पंजाब का भूजल स्तर हर साल करीब सवा मीटर नीचे जा रहा है. उन्होंने कहा कि पंजाब में साल 1857 का बना कनाल एंड ड्रेनेज एक्ट है. इस कारण किसानों को नहरी पानी की व्यवस्था के लिए करीब 240 दिन का समय लग जाता है.

30 अप्रैल तक वर्तमान रेट पर करा सकेंगे रजिस्ट्री

मंत्री अमन अरोड़ा ने कहा कि बीते समय जमीन की रजिस्ट्री के लिए एक महीने की एक्सटेंशन दी गई थी, पंजाब के लोगों ने काफी फायदा लिया. सरकार का 3950 करोड़ का टारगेट था. बीती 30 मार्च तक 4100 करोड़ से अधिक रेवेन्यू, स्टांप ड्यूटी इकट्?ठी हुई है. लोगों की इस सुविधा और लाभ के मद्देनजर पंजाब सरकार ने इस योजना को अतिरिक्त एक महीने के लिए बढ़ाने का फैसला लिया है. अब लोग 30 अप्रैल तक वर्तमान रेट के अनुसार ही रजिस्ट्री करवा सकेंगे.

Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-

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