मुंबई. हरियाणा के कालका से मुंबई तक ट्रांसपोर्ट के लिए अपाइंटेड एक सब-कॉन्ट्रैक्टर ने कंपनी द्वारा बिल का समय पर भुगतान नहीं होने पर गुस्साकर इंजन गायब कर दिया है. इस लोकोमोटिव यानी इंजन की कीमत करीब 5 करोड़ रुपए है. इस मामले में कंपनी ने मुंबई के वडाला टीटी पुलिस में कॉन्ट्रेक्टर के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई है. हालांकि पुलिस अभी तक मिसिंग इंजन का पता नहीं कर पाई है. इंजन ढूंढऩे पुलिस की टीमें गठित की गई हैं.
मुंबई से कालका के बीच गायब हुआ रेलवे इंजन
श्री जेबी ग्रेन डीलर्स एसोसिएशन को नैरो गेज इंजनों (छोटी रेलवे लाइन के इंजन) को मुंबई के परेल वर्कशॉप से हरियाणा के कालका तक लाने और रिपेयरिंग इंजनों को वापस ले जाने का ठेका मिला था. वडाला पुलिस ने कहा कि कंपनी को टॉय ट्रेनों को खींचने में इस्तेमाल होने वाले नैरो-गेज लोकोमोटिव जेडडीएम 3 को मुंबई से कालका (हरियाणा) तक लाने-ले जाने का सब-कॉन्ट्रेक्ट मिला था. कंपनी ने 4.25 लाख रुपये का बिल बनाया था. इंजन को मुंबई से कालका ले जाया गया, लेकिन ठेका कंपनी ने कथित तौर पर समय पर पैसे का भुगतान नहीं किया. इसके बाद, सब-कॉन्ट्रेक्टर ने भुगतान में देरी के लिए 60,000 रुपये एक्स्ट्रा डिमांड की और लोकोमोटिव को मुंबई नहीं पहुंचाया.
ठेकेदार ने चोरी किया इंजन
पुलिस में दर्ज एफआईआर में कहा गया कि 23 अप्रैल को श्री जेबी ग्रेन डीलर्स एसोसिएशन को भारतीय रेलवे से मुंबई से कालका तक इंजन ले जाने और ट्रेलर का उपयोग करके वापस लाने का अनुबंध मिला था. कंपनी ने इस काम का ठेका राधा रोडवेज को दिया, जिसने 27 अप्रैल को मुंबई से इंजन उठाया और कालका पहुंचाया, जबकि दूसरा इंजन कालका से मुंबई पहुंचाया जाना था, जिसकी रिपेयरिंग होनी थी. इस ट्रांसपोर्ट की कुल लागत 4.25 लाख रुपये तय की गई थी.
जेबी ग्रेन डीलर्स के मालिक अनिलकुमार गुप्ता ने कहा, एग्रीमेंट के अनुसार राधा रोडवेज को 29 अप्रैल को 2 लाख रुपये का भुगतान किया गया, फिर 6 मई को 1 लाख रुपये का भुगतान किया गया और 19 मई को 1 लाख रुपये का भुगतान किया गया. लेकिन जो इंजन कालका से मुंबई ले जाया जा रहा था, वह नहीं आया. रेलवे अधिकारियों से पता चला कि इंजन को हरियाणा में एक ट्रेलर में लोड किया गया है, लेकिन मुंबई तक नहीं पहुंचा है.
ठेकेदार ने क्यों गायब किया इंजन?
मिड डे की एक रिपोर्ट के अनुसार, अनिल कुमार गुप्ता ने राधा रोडवेज के मालिक पवन शर्मा से संपर्क किया, तो पता चला कि 1 लाख रुपये के भुगतान में देरी हो गई है, जबकि 25,000 रुपये का भुगतान अभी तक नहीं किया गया है, इसलिए डिलीवरी रोक दी गई है. दोनों के बीच वित्तीय विवाद के कारण पवन शर्मा ने रेलवे को इंजन नहीं दिया.
वडाला टीटी पुलिस स्टेशन के सीनियर इंस्पेक्टर ज्ञानेश्वर अरगड़े ने कहा कि उन्हें 2 जुलाई को शिकायत के बाद शर्मा के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 406 (आपराधिक विश्वासघात) और 420 (धोखाधड़ी) के तहत एफआईआर दर्ज की है.
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