हरियाणा के निजी स्कूलों को देनी होगी आरटीआई से मांगी गई सूचना, मना किया तो रद्द हो सकती है मान्यता

हरियाणा के निजी स्कूलों को देनी होगी आरटीआई से मांगी गई सूचना, मना किया तो रद्द हो सकती है मान्यता

प्रेषित समय :17:46:25 PM / Wed, Sep 8th, 2021

फरीदाबाद. राज्य सूचना आयोग ने अपने एक आदेश में कहा है कि प्राइवेट स्कूल  आरटीआई के तहत मांगी गई सूचना देने से मना नहीं कर सकते हैं. एसआईसी के इस आदेश की पालना में विद्यालय शिक्षा निदेशालय पंचकूला ने 3 सितंबर को सभी जिला शिक्षा अधिकारी को पत्र भेजकर कहा है कि राज्य सूचना आयोग ने प्राइवेट स्कूलों की इस दलील को खारिज किया है कि वे प्राइवेट संस्था हैं और इसलिए सूचना देने के लिए बाध्य नहीं हैं.

सभी जिला शिक्षा अधिकारियों को भेजे गए पत्र में लिखा है कि अगर कोई भी व्यक्ति या संस्था आरटीआई के माध्यम से प्राइवेट स्कूलों के बारे में जानकारी मांगती है तो जिला शिक्षा विभाग को मांगी गई सूचना व जानकारी निजी स्कूलों से लेकर जानकारी मांगने वाले को उपलब्ध करानी होगी. अगर जानकारी देने में कोई स्कूल देर या फिर आनाकानी करता या सीधे ही मना करता है तो इसे शिक्षा निदेशालय के आदेशों का उल्लंघन माना जाए. साथ ही आदेश न मानने के कारण स्कूल की मान्यता वापस लेने के संबंध में कारण बताओ नोटिस जारी किया जाए.

आदेश को लेकर हरियाणा अभिभावक एकता मंच के प्रदेश महासचिव कैलाश शर्मा और ऑल इंडिया पेरेंट्स एसोसिएशन आईपा  के जिला अध्यक्ष एडवोकेट बीएस विरदी ने कहा है कि केंद्रीय सूचना आयोग, उच्चतम न्यायालय, पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय भी इस बारे में कई बार आदेश जारी कर चुके हैं. इसके बावजूद देशभर में जिला शिक्षा अधिकारी प्राइवेट स्कूलों से आरटीआई के तहत मांगी गई जानकारी हासिल करने में खुद को असमर्थ और असहाय मानते हैं.

मंच का आरोप है कि आम जनता की सुख सुविधा के लिए बनाए गए पार्क व ग्रीन बेल्ट की सरकारी जमीन को हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण (हुडा) ने प्राइवेट स्कूल संचालकों को बहुत ही रियायती दर पर 99 के साल के पट्टे पर स्कूल खोलने के लिए दे दिया है. पूरे हरियाणा में 300 से ज्यादा और फरीदाबाद में 60 से ज्यादा ऐसे प्राइवेट स्कूल हैं जो हुडा की जमीन पर बने हैं और वे ही सबसे ज्यादा शिक्षा का व्यवसायीकरण कर रहे हैं.

कई बार ऐसा हुआ है कि निजी स्कूलों के संबंध में जानकारी मांगी जाती है लेकिन वे देते नहीं हैं. हालांकि अब कोई भी निजी स्कूल किसी भी हालात में आरटीआई के तहत मांगी गई सूचना और जानकारी देने से मना कर ही नहीं सकते हैं. मंच का कहना है कि अब बस जिला शिक्षा अधिकारी शिक्षा निदेशालय पंचकूला से आए इस आदेश का पूरी तरह से पालन करें ये जरूरी है.

Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-

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