नई दिल्ली. मणिपुर विधानसभा चुनाव के लिए प्रचार जोरों पर है. राजनीतिक पार्टियां धुआंधार रैलियां कर रही हैं. इस बीच भारतीय जनता पार्टी के प्रचार के लिए 22 फरवरी को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी राज्य की यात्रा पर आ रहे हैं. उनकी रैली का बहिष्कार करने के लिए मणिपुर में छह प्रतिबंधित सशस्त्र समूहों के एक समूह ने ऐलान किया है. रविवार को एक बयान में कोरकॉम ने कहा कि दोपहर 1 बजे से उस समय तक पूर्ण लॉकडाउन” होगा जब तक प्रधानमंत्री वापस न लौट जाएं.
बयान के मुताबिक, पीएम के रैली के दौरान आपातकालीन सेवाओं व मीडियाकर्मियों को बहिष्कार के दायरे से छूट दी गई है. लोगों से कहा गया है कि वे बाहर न निकलें या पीएम मोदी द्वारा संबोधित किए जाने वाले कार्यक्रमों में भाग न लें. प्रधानमंत्री राज्य की राजधानी इंफाल के पास एक रैली को संबोधित करने वाले हैं. वह 28 फरवरी और 5 मार्च को होने वाले दो चरणों के चुनाव के लिए रणनीतियों पर चर्चा करने के लिए बीजेपी के वरिष्ठ मंत्रियों व पार्टी कार्यकर्ताओं से भी मिलेंगे. कोरकॉम ने 13 प्रोजेक्ट के उद्घाटन और नौ अन्य के लिए आधारशिला रखने के लिए प्रधानमंत्री की राज्य यात्रा के दौरान इसी तरह के बहिष्कार का आह्वान किया गया था. ये परियोजनाएं 4,800 करोड़ रुपए की थीं. कॉरकॉम ने पहले कहा था कि पीएम मोदी की यात्रा मणिपुर के विकास में तब्दील नहीं होगी.
अभी हाल ही में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने मणिपुर में उग्रवादी तत्वों से हिंसा त्यागने और केंद्र सरकार के साथ बातचीत करने के लिए आने का आह्वान किया था. इंफाल वेस्ट जिले के लंगथाबल में आयोजित एक कार्यक्रम में सिंह ने कहा था कि अगर उग्रवादी तत्व मुख्यधारा में लौटने के इच्छुक हैं तो केंद्र सरकार उनसे बातचीत करने के लिए तैयार है. उन्होंने कहा था, ‘हम उग्रवादियों से बातचीत करने के लिए तैयार हैं. मणिपुर में पिछले पांच साल में सबसे कम हिंसा देखने को मिली है. उग्रवाद बहुत कम हुआ है. बीजेपी हिंसा को समाप्त करेगी और क्षेत्र में शांति तथा विकास लाएगी.
सिंह ने कहा था कि केंद्र सरकार मणिपुर में बेरोजगारी, गरीबी अन्य मुद्दों को सुलझाने और राज्य की आमदनी बढ़ाने के वास्ते पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए प्रतिबद्ध है. रक्षा मंत्री ने विश्वास जताया था कि मणिपुर में आगामी विधानसभा चुनाव में बीजेपी को पूर्ण बहुमत प्राप्त होगा. उन्होंने कहा था कि पूर्वोत्तर में कांग्रेस की पिछली सरकारों की जन विरोधी नीतियों के कारण यह क्षेत्र विकास के क्रम में देश के अन्य भाग से पिछड़ गया. सिंह ने कहा था, बीजेपी के 2017 में राज्य में सत्ता में आने के बाद से मणिपुर में तेजी से विकास हुआ है. पांच साल पहले, राज्य में हिंसा का वातावरण था जो अब समाप्त हो गया है. राज्य के लोगों ने बीजेपी के शासन में विकास और सुशासन देखा है.
Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-दिल्ली दहलाने के लिए बनाया था IED, कमिश्नर ने कहा- आतंकी धमाकों की रच रहे साजिश
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