उपभोक्ता बना एटीएम: मिनिमम बैलेंस मेंटेन न करने पर बैंकों ने 5 साल में वसूले 8,500 करोड़

उपभोक्ता बना एटीएम: मिनिमम बैलेंस मेंटेन न करने पर बैंकों ने 5 साल में वसूले 8,500 करोड़

प्रेषित समय :16:55:45 PM / Tue, Jul 30th, 2024
Reporter : reporternamegoeshere
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नई दिल्ली. देश के सार्वजनिक बैंकों ने खाताधारकों से न्यूनतम शेष राशि न रखने पर बीते पांच वर्षों के भीतर 8,500 करोड़ रुपए का जुर्माना वसूला है. लोकसभा में वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी ने लिखित में यह जानकारी साझा की है. जानकारी के अनुसार वित्तीय वर्ष 2020 से 2024 के बीच खाताधारकों से न्यूनतम शेष राशि न रखने पर यह राशि वसूल की गई है.

हिंदू बिजनेस लाइन ने यह जानकारी अपनी एक रिपोर्ट में दी है. ऐसा तब हुआ है, जब स्टेट बैंक ऑफ इंडिया ने खातों में न्यूनतम शेष राशि बनाए रखने के लिए कोई जुर्माना न लगाने का निर्णय लिया है. देश के 11 सार्वजनिक बैंकों में से कई बैंक जैसे पंजाब नेशनल बैंक, बैंक ऑफ बड़ौदा, बैंक ऑफ इंडिया, पंजाब एंड सिंध बैंक, यूनियन बैंक ऑफ इंडिया और यूको बैंक द्वारा तिमाही न्यूनतम बेलेंस न बनाए रखने पर जुर्माना लगाया जाता है.

वहीं भारतीय बैंक, केनरा बैंक, बैंक ऑफ महाराष्ट्र और सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया अपने ग्राहकों से औसत मासिक शेष बनाए रखने की मांग करते हैं और इसे पूरा न करने वालों पर जुर्माना लगाते हैं. प्रत्येक बैंक का जुर्माना संग्रह करने का अपना तरीका है. जो उन बैंकों की व्यक्तिगत नीतियों और प्रक्रियाओं को सामने लाता है. क्क आपको बता दें कि वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी ने लोकसभा में उठाए गए एक प्रश्न के जवाब में यह जानकारी दी है. बैंकों द्वारा बनाई गई रणनीतियों से खाताधारकों पर बड़ा बोझ पड़ रहा है. बैंक में अपने खातों को लेकर खाताधारकों को सजग रहने की जरूरत है. किसी भी बैंक में खाता खोलने से पहले बैंक की न्यूनतम बैलेंस मेंटेन रखने की नीतियों के बारे में जानकारी करना जरूरी हो गया है.

Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-

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