पलपल संवाददाता, जबलपुर. मध्यप्रदेश के गैलेक्सी अस्पताल में आक्सीजन से हुई पांच मौतों के मामले में भले ही अस्पताल के दो कर्मचारियों पर प्रकरण दर्ज कर लिया गया है लेकिन आमजन के बीच आज भी चर्चाओं का दौर खत्म नहीं हो रहा है, अब शहर में यह चर्चा जोरों पर अस्पताल के संचालकों को बचाने के लिए हर तरफ से दबाव बनाया गया है, कहा जा रहा है कि एक ओर संघ से दवाब बनाया गया, तो दूसरी ओर से किसी ने संचालकों से अपनी दोस्ती का फर्ज निभाया और किसी ने मामले में मीडिएटर की भूमिका निभाते हुए 25 लाख रुपए का दान रेडक्रास सोसायटी को दिलाकर संचालकों को क्लीनचिट दे दी. अब आमजन जबलपुर के विधायकों, दो सांसद की ओर टकटकी लगाकर देख रहे है शायद इनके द्वारा मामले में आवाज उठाई जाए, जिससे मरने वालों के परिजनों को न्याय मिल सके.
बताया जाता है कि गैलेक्सी अस्पताल में आक्सीजन की कमी से हुई पांच मौत के मामला ठंडा पड़ता नजर नहीं आ रहा है, इस मामले को शहर में तरह तरह की चर्चाओं का दौर चल रहा है, इन चर्चाओं के बीच यह कहा जा रहा है कि रेडक्रास को 25 लाख रुपए का दान दिलाकर अस्पताल के दो कर्मचारियों पर प्रकरण दर्ज कर संचालकों को क्लीनचिट दे दी गई है, इसके अलावा भी पूरे मामले में जमकर खेल होने की चर्चा है, मामले में किसी ने अस्पताल के एक संचालक से पुरानी दोस्ती होने का फर्ज निभाया है, तो किसी ने मीडिएटर की भूमिका निभाते हुए संचालकों को क्लीनचिट दिलाने में अपनी अह्म भूमिका निभाई है, यहां तक कि मामले में एक संघ की ओर से भी दवाब बनाया क्योंकि अस्पताल के एक संचालक के रिश्तेदार की उस संघ में गहरी पैठ है और उनकी बात को न नहीं किया जा सकता है, ऐसे में गैलेक्सी अस्पताल के संचालकों को क्लीनचिट तो मिलना ही थी. लोगों के मन में यह सवाल उठ रहा है गैलेक्सी अस्पताल में भरती हुए मरीजों के परिजनों से लाखों रुपए का बिल लिया गया, इसके बाद उनकी मौत सिर्फ आक्सीजन की कमी से हो गई और यहां पर दोस्ती निभाई जा रही है, मीडिएटर बनकर मामले को निपटा दिया गया, उन परिवारों का क्या जिनके घर का मुखिया इस लापरवाही के कारण दुनिया छोड़कर चला गया, उनके घरों में आज भी मातम छाया है, परिजनों के आज भी आंसू थमने का नाम नहीं ले रहे है, ऐसे में गैलेक्सी अस्पताल के संचालकों को क्लीनचिट दी जा रही है, वह भी अपने संबंधों को निभाने के लिए, खैर जो भी गैलेक्सी अस्पताल के संचालकों को क्लिनचिट दिए जाने का मामला अब तूल पकड़ता जा रहा है.हालांकि ऐसी भी खबर है कि मामले में एक बार फिर पुलिस जांच कमेटी शामिल लोगों के बयान ले रही है, जिसमें डाक्टर संजय छत्तानी के बयान दर्ज भी किए गए है.
जनप्रतिनिधियों से ही उम्मीद है-
आम आदमी भी इस मामले को लेकर अपनी अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त कर रहा है, उन्हे अब शहर के सभी विधायक व दोनों सांसदों से उम्मीद है कि वे मामले को लेकर आवाज उठाए तो शायद मरने वाले पांच लोगों के परिजनों को न्याय मिल पाएगा.
कुछ अप्रत्यक्ष रुप से भी जुटे मामले को दबाने-
खबर तो यह भी है कि गैलेक्सी अस्पताल के मामले को दबाने के लिए कुछ लोग अप्रत्यक्ष रुप से भी लगे है, जिनका शहर में काफी रसूख है और संचालकों के साथ रिश्तेदारी भी ऐसे में वे भी अपनी रिश्तेदारी का पूरा फर्ज निभा रहे है, ताकि किसी तरह से यह मामला निपट जाए और जल्द ही मामले का पटाक्षेप हो, इतना ही नहीं मीडिया जगत का एक बड़ा नाम भी इन दिनों चर्चा का विषय बना हुआ है वह भी अपनी पूरी ताकत लगा रहा है.
इन दिन हुआ घटनाक्रम-
बताया गया है कि जबलपुर के उखरी रोड स्थित गैलेक्सी अस्पताल में 22 अप्रेल की रात को आक्सीजन की कमी होने से यहां पर भरती पांच मरीजों की असमय मौत हो गई, आक्सीजन की कमी को दूर करने के बजाय कर्मचारी मौके से भाग निकले, संचालक खबर मिलने के बाद भी मौके पर नहीं पहुंचे, इस मामले ने तूल पकड़ा और सुबह हंगामा होने लगा.
शुरुआती दौर में गंभीरतो लिया गया, बाद में सारा खेल रचा गया-
मामले को शुरुआती तौर पर गंभीर से लिया गया, मामले की जांच के लिए कमेटी का गठन कर रिपोर्ट प्रस्तुत करने के लिए कहा गया, इसके बाद जांच चलती रही, इस बीच मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान के आगमन की भनक लगी तो तत्काल ही जांच रिपोर्ट प्रस्तुत कर दी गई, सीएमएचओ ने मामले में कार्यवाही किए जाने के निर्देश भी जारी कर दिए, दूसरे दिन मुख्यमंत्री ने बैठक ली तो उनके सामने कार्यवाही के निर्देश जारी करने के आदेश देने की बात कही गई, सीएम श्री चौहान ने भी कार्यवाही की सराहना की, लेकिन जैसे ही सीएम जबलपुर से रवाना हुए कार्यवाही के निर्देश भी बदल गए, सबकुछ पहले जैसा हो गया, अचानक बदले हुए स्वरुप से आमजन भी हैरत में पड़ गया कि आखिर ऐसा कैसे हो गया, फिर मामले में लार्डगंज थाना पुलिस ने अस्पताल के मैनेजर संदीप व आक्सीजन सुपरवाईजर पर प्रकरण दर्ज कर लिया गया. इस बात को लेकर चर्चाओं का दौर शुरु हो गया कि जब कर्मचारियों पर ही प्रकरण दर्ज करना था तो मामले को इतना लम्बा क्यू खींचा गया.
Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-जबलपुर से सीएम शिवराजसिंह चौहान के जाते ही गैलेक्सी अस्पताल पर मेहरबान हो गया जिला प्रशासन
एमपी के जबलपुर में गैलेक्सी अस्पताल में ऑक्सीजन खत्म होने से 5 मरीजों की मौत
जबलपुर में शव छोड़कर आ रही एम्बुलेंस को रोककर पथराव, चालक पर हमला
एमपी का जबलपुर: 3 महीने का राशन लेकर लौट रहे ग्रामीणों से भरी नाव बरगी बांध में डूबी
जबलपुर मेडिकल कॉलेज के कोरोना वार्ड में भर्ती युवक ने रेता अपना गला, तड़पने के बाद मौत
जबलपुर में जिला अस्पताल विक्टोरिया के ट्रांसफर पर चढ़ी युवती, लोगों में मची चीख पुकार
एमपी के जबलपुर में लॉकडाउन के बीच महिला की दिन-दहाड़े हत्या..!
Leave a Reply