बिहार में विधानसभा चुनाव से पहले सीटों के बंटवारे को लेकर आपसी सियासी संधर्ष जारी है.
कभी खबर आती है कि बंटवारा सबकी सहमति से हो गया, तो थोड़ी देर में बगावत के स्वर गुंजने लगते हैं.
खबर है कि बिहार एनडीए में सीट शेयरिंग केवल दो पार्टियों- जेडीयू और बीजेपी के बीच ही होगी और आपसी सहमति से ये तय हुआ है कि जेडीयू के खाते में आधी से ज्यादा सीटें आएंगी, अर्थात- विधानसभा की 243 सीटों में 121 से अधिक सीटें नीतीश कुमार की पार्टी को मिलेंगी.
यही नहीं, बिहार में नीतीश कुमार के चेहरे पर चुनाव लड़ने की बात खुद पीएम मोदी पहले ही कह चुके हैं, तो ऐसे में भला चिराग पासवान कब तक खामोश रह सकते हैं?
तय तो यह भी हुआ बताया जा रहा है कि जीतनराम मांझी की पार्टी को जेडीयू अपने खाते से सीटें देगी, तो रामविलास पासवान की पार्टी लोजपा को सीटों का बंटवारा बीजेपी अपने खाते से करेगी. ऐसे में जेडीयू से बड़ी उलझन बीजेपी के सामने है?
दिलचस्प बात यह है कि इधर सीटों का बंटवारा हुआ और उधर, लोजपा की बैठक में एक बार फिर 143 सीटों पर चुनाव लड़ने का प्रस्ताव पारित कर दिया गया?
राजनीतिक जानकारों का मानना है कि लोजपा को दो-ढाई दर्जन से ज्यादा सीटें मिलना मुश्किल है, इसलिए यदि लोजपा 143 सीटों पर चुनाव लड़ने का प्रस्ताव मान लेती है, तो इसका सीधा मतलब होगा कि बिहार एनडीए में भितरघात? इस भितरघात से किसे फायदा होगा? बीजेपी को! क्योंकि, जेडीयू की सीटें बीजेपी से कम हुई, तो नैतिकता के आधार पर नीतीश कुमार मुख्यमंत्री कैसे बन पाएंगे?
इधर, चिराग पासवान, नीतीश कुमार पर लगातार प्रत्यक्ष-अप्रत्यक्ष सियासी हमले कर रहे हैं. उन्होंने नीतीश कुमार पर सवालिया निशान लगाते हुए पीएम मोदी को चिट्ठी लिखी.
यही नहीं, चिराग पासवान ने अभिनेता मनोज वाजपेयी के बिहार से प्रतिभा और मजदूर पलायन को लेकर गाये एक गाने को ट्वीट करते हुए उन्हें बधाई दी थी, मजेदार बात यह है कि उन्होंने इसमें नीतीश कुमार को भी टैग कर दिया?
इससे पहले, उन्होंने सीएम नीतीश कुमार को लिखे एक पत्र में अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति के लोगों से पूर्व में किए गए वादों को पूरा नहीं करने का आरोप लगाया था.
इसके अलावा, बिहार सरकार के लिए सवालिया निशान बने कोरोना को लेकर भी चिराग पासवान ने नीतीश कुमार को घेरा था.
अजीब बात यह है कि चिराग पासवान लगातार नीतीश कुमार सरकार पर निशाना साध रहे हैं, लेकिन बीजेपी की ओर से चुप्पी है, यह खामोशी कई संदेह और सवाल खड़े करती है?
इतना ही नहीं, चिराग के पिता और केंद्रीय मंत्री रामविलास पासवान भी बेटे के साथ खड़े हैं? उन्होंने तो ट्वीट भी किया था कि वे अपने बेटे के हर फैसले के साथ मजबूती से खड़े हैं!
सियासी सयानों का मानना है कि अभी बिहार चुनाव की सियासी तस्वीर अस्पष्ट है, इसलिए यह कहना मुश्किल है कि नीतीश कुमार अपनी सीएम की कुर्सी बचा पाएंगे या नहीं?